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Tuesday, December 14, 2021

अन्य भाषा शिक्षण प्रक्रिया

 अन्य भाषा शिक्षण प्रक्रिया

इसके भी दो वर्ग कर सकते हैं-

(अ) द्वितीय एवं तृतीय भाषा शिक्षण प्रक्रिया

ये भाषाएँ विद्यार्थी के समाज में किसी-न-किसी रूप में प्रचलित होती हैं। उदाहरण के लिए मराठी भाषी समाज में हिंदी/अंग्रेजी पूर्व प्रचलित हैं। अर्थात विद्यार्थी को इनका कुछ-कुछ इनपुट पहले से रहता है।

(आ) विदेशी भाषा शिक्षण प्रक्रिया

ये भाषाएँ विद्यार्थी के समाज में में प्रचलित नहीं होती हैं। अतः विद्यार्थी को इनका कोई इनपुट पहले नहीं होता है, जैसे- वर्धा में जापानी सीखने वाले को पहले से जापानी का कोई ज्ञान नहीं होता।

(नोट- पूर्व में किया गया स्वाध्याय हो सकता है, किंतु वह अपवादस्वरूप है।)

अन्य भाषा को सामान्यतः भाषा अधिगम के माध्यम से ही सीखा जाता है। उनमें भी मूलत तीन कौशलों- पढ़ना, लिखना और बोलना ही अधिगम के माध्यम से सीखता है और सुनना प्रायः अनौपचारिक रूप से ही सीख जाता है। भाषा प्रयोगशाला द्वारा प्रशिक्षण इस कौशल के विकास का प्रगत (Advance) रूप है।

यहाँ ध्यान रखने वाली है कि अन्य भाषा अधिगम के समय विद्यार्थी के पास मातृभाषा /प्रथमभाषा पहले से होती है। अतः नई भाषा सीखते समय वह माध्यम का काम करती है। 

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