आर्थी निरूपण के
संज्ञानात्मक सिद्धांत (Cognitive theories of semantic
representation)
1950 के
दशक से बाद से ही संज्ञानात्मक भाषाविज्ञान के क्षेत्र में पर्याप्त काम किया गया
है और इसी कालखंड में अर्थविज्ञान के क्षेत्र में भी अनेक आधुनिक पद्धतियों का
विकास हुआ है। इनमें से कुछ पद्धतियाँ संरचनात्मक विश्लेषण से विकसित हुई हैं तो
कुछ भाषा के मानसिक पक्षों पर केंद्रित हैं। इसी प्रकार की कुछ पद्धतियों में
संज्ञानात्मक दृष्टि भी प्राप्त होती है संज्ञानात्मक
दृष्टि आधारित कुछ प्रमुख आर्थिक सिद्धांत इस प्रकार हैं -
§ वर्गात्मक प्रस्तुति (Categorical Representation)
§ ‘रूपक’ (metaphor) और ‘रूपकीकरण’ (metonymy)
§ अमूर्तिकृत संज्ञानात्मक मॉडल (Idealized Cognitive ...
§ साँचापरक
अर्थविज्ञान (Frame semantics)
इन्हें उपर्युक्त लिंकों को क्लिक करके संक्षेप में पढ़ा जा सकता है।
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