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Friday, December 17, 2021

अमूर्तिकृत संज्ञानात्मक मॉडल (Idealized Cognitive Model)

 अमूर्तिकृत संज्ञानात्मक मॉडल (Idealized Cognitive Model)

इस मॉडल का प्रतिपादन George Lakoff (1987) द्वारा किया गया है। यह मॉडल संज्ञानात्मक अर्थविज्ञान की उस संकल्पना को आधार के रूप में लेता है, जिसके अनुसार यह माना जाता है कि हमारा भाषा संबंधी हमारे बाह्य संसार के ज्ञान से संबद्ध है। संज्ञानका संबंध बाह्य संसार के मानसिक बोधन से निर्मित अवधारणात्मक इकाई या व्यवस्था से है। इसमें इंद्रियों और विचार प्रक्रिया के माध्यम से बोधित सभी प्रकार के ज्ञान, विचार और सूचना आदि का समावेश हो जाता है, जिनमें भाषाभी एक है। इस मॉडल में ‘idealized’ शब्द का प्रयोग इसलिए किया गया है, क्योंकि यह मॉडल बाह्य संसार के अनुभवों के अमूर्तीकरण को केंद्र में रखता है।

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