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आभ्यंतर (Aabhyantar)
SCONLI-12
विशेषांक ISSN : 2348-7771
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37.
हिंदी भाषा अधिगम में लेखन संबंधी त्रुटियों का विश्लेषण
(दसवीं कक्षा के मराठी माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों के सन्दर्भ में)
प्रिया शैलेश कदम , पी-एच.डी. भाषाविज्ञान एवं भाषा प्रौद्योगिकी, म.गां.अं.हिं.वि. वर्धा
प्रस्तावना:
प्रस्तुत शोध पत्र में कक्षा दसवीं के छात्रों द्वारा हिंदी भाषा अधिगम में
होने वाली त्रुटियों को दर्शाया गया है और उनके कारण बताए गए हैं । इस कार्य हेतु
मराठी माध्यम में पढ़नेवाले दसवीं कक्षा के छात्रों की हिंदी लेखन संबंधी सामग्री
को संकलित किया गया है । सामग्री संकलन हेतु छात्रों से निबंध लिखवाएँ गए थें ।
निबंध के लिए छात्रों की हिंदी की पाठ्यपुस्तक से विषय का चयन किया गया था । निबंध
का विषय था ‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी’ । वर्धा शहर के
चार अलग-अलग स्कूलों से सामग्री संकलित की गई है । शोध आलेख के कार्य हेतु राष्ट्रीय
सामाजिक विद्यालय वर्धा ,
राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज पाठशाला वर्धा, विवेक विद्यालय मांडवा और दौलत सिंग विद्यालय पिंपरी मेघे इन स्कूलों को चुना
गया था । छात्रों द्वारा लिखे गए निबंधों में जो त्रुटियाँ पाई गई उनमे मुख्यतः
1) विराम चिह्नों के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ - a) विराम चिह्नों का गलत प्रयोग करना ।
b)
विराम चिह्नों का बहुत कम प्रयोग करना ।
c) विराम चिह्नों का प्रयोग बिलकुल नहीं
करना ।
2) वाक्य रचना संबंधी त्रुटियाँ -
3) व्याकरणिक त्रुटियाँ - a) व्याकरणिक कोटियों के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ ।
b) शब्द भेदों के प्रयोग संबंधित
त्रुटियाँ ।
4) मराठी शब्दों का प्रयोग संबंधी त्रुटियां
आदि प्रकार की त्रुटियाँ पाई गई ,जिनका विस्तृत विवरण आगे
प्रस्तुत किया गया है ।
1.1 विराम चिन्हों के प्रयोग संबंधी
त्रुटियाँ :
कुल 80
प्रतिशत छात्र
ऐसे पाए गए जिन्होंने विराम चिन्हों के
प्रयोग संबंधी किसी न किसी प्रकार की त्रुटियाँ की है । उन त्रुटियों
का विवरण आगे प्रस्तुत किया गया है । विराम चिह्नों के प्रयोग संबंधी त्रुटियों को
तीन वर्गों में बाँटा गया है जैसे -1
विराम चिह्नों
का गलत प्रयोग : इसके अंतर्गत उन त्रुटियों को अंकित किया
गया है जो त्रुटियाँ विराम चिन्हों के गलत प्रयोग अर्थात एक विराम चिन्ह के स्थान
पर दूसरे का प्रयोग करने से होती है । इसके अंतर्गत कुल 40 छात्रों में से 15% छात्र ऐसे थे जिन्होंने विराम चिन्हों का
गलत प्रयोग किया है । उदा. छात्र क्रम (5, 6,13, 14 ,17 ,21) 2. विराम चिह्नों का बहुत कम प्रयोग
: 30% छात्र ऐसे है जिन्होंने विराम चिन्हों का
प्रयोग बहुत कम किया है । बहुत कम प्रयोग से यहाँ तात्पर्य यह है
कि जहाँ बीस वाक्य का निबंध है उन बीस वाक्यों में 5 से कम विराम चिह्नों का प्रयोग किया गया है । उदा. छात्र क्रम (1,2, 3, 4, 5, 7,16, 19,23,25,29,33)
3.विराम चिह्नों का प्रयोग बिलकुल नहीं : 35% छात्र ऐसे हैं जिन्होंने 15 से 20
वाक्य तक का
निबंध लिखा है किंतु कहीं भी विराम चिह्नों का प्रयोग नहीं किया गया । उदा. छात्र क्रम (10 ,15, 20, 22, 25, 27, 30, 31, 32,
33, 38, 39, 40) अंत में 20% छात्र ऐसे है जिन्होंने विराम चिन्हों का प्रयोग ठीक से किया है उदा. छात्र क्रम (2,18,20,24,26,28,34,37) इस प्रकार विराम चिन्हों के प्रयोग
संबंधी त्रुटियाँ पाई गई है ।
आलेख 1. विराम चिह्नों के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ
2.1 वाक्य रचना संबंधी
त्रुटियाँ :
80% छात्रों ने वाक्य रचना
संबंधी त्रुटियाँ की है । त्रुटिपूर्ण वाक्य आगे
दिये गए हैं । जिससे वाक्य रचना संबंधी
त्रुटियों का स्वरूप सामने आता है ।
1) छात्र क्रम 1- हमे पैसों पर उनका फोटो देखते है ।
2) छात्र क्रम 2- वह बडे ही स्वाभिमान थे । उन्होंने अपने देश को स्वतंत्रता मिलाने लिए
बहोत प्रयत्न किया ।
3) छात्र क्रम 3- ऐसे लोग कहि विशेष उद्देश धरती और अवतरित
रहते है ।
4) छात्र क्रम 4- उनोने हमारा देश को स्वतंत्र देकर एक महान
काम किया है और उनकी मां का नाम कस्तुबा करमचंद गांधी था ।
5) छात्र क्रम 6 - राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हमारे देश के लिए
आजादी लिए है । और उसने मिठाचा सत्याग्रह किया है और उसका नाम मोहन काम चंद्र
गांधी उसका नाम था । उसका पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था । अभी उसे बापू कहते हैं
। और कुछ काम करने इंग्लंडला गए थे । और हर स्कूल उसकी जयंती मनाई जाती है सब
स्कूल मनाई जाती है ।
6) छात्र क्रम 7- गांधीजी का जन्म ठिकाण राजकोट पोरबंदर यह
हुआ था । गांधी ने छात्रालय में रहा करते थे।
7) छात्र क्रम 8 - महात्मा गांधी की ईंग्रजी अटकाती थि । उनकी
पढ़ाई पढ़ाई इंग्लंड में बैरिस्टर की पढ़ाई हुई थी.गांधी जी ने छात्रालय में रहा करते थे ।
8) उन्हे राष्ट्रपिता कार्य
किया है वह संपूर्ण समाज देखभाल करते थे ।... ग्राम स्वच्छता और कोई आदमी महात्मा गांधी कह कर
बुलाते थे ।
9) छात्र क्रम 9 ने 21 वाक्य का निबंध लिखा है किंतु सभी वाक्यों में वाक्य संरचना
संबंधी त्रुटियाँ हैं ।
10) छात्र क्रम 10 ने उन्होंने अपना आश्रम बनाया है वह ठिकाण इस
छोटे से वस्ति में उन्हका बनाया आश्रम भी है उन्होंने जाति भेदभाव मिटाए है ।
11) छात्र क्रम 11 -महात्मा गांधी एक राष्ट्रपति नेता थे
उन्होंने अपने देश को अंग्रेजों से स्वातंत्र्य मिला दिया ।
12) छात्र क्रम 12- उन्होंने मिठ का सत्याग्रह किया ...उन्होंने अपने देश के स्वागत के लिए अपना बलिदान दिया है ।
13) छात्र क्रम तेरा -उन्होंने अपने देश के स्वागत के लिए बलिदान
दिया था... उन्होने आज अपना देश स्वतंत्र किया नहीं होता
तो आज गुलामी किया करते थे ।
14) छात्र क्रम 15 ने 14 वाक्य का निबंध लिखा किंतु सभी वाक्यों में त्रुटियाँ है ।
15) छात्र-क्रम 16 ने 22 वाक्य लिखे हैं सभी वाक्य
त्रुटिपूर्ण पाए गए उदाहरण के लिये एक वाक्य - मुझे वह बहुत ही प्रिय है
क्योंकि उन्होंने उस इंसानों के लिए किया जो उनको देखा भी नहीं था मुझे मेरे घर में उनकी बड़ी तस्वीर
है ।
16)छात्र क्रम 21 ने लगभग 20 वाक्य लिखे हैं उन सभी वाक्यों की शुरुआत 'और' योजक
से की है ,उदाहरण :और
उनका मां का नाम पुतलीबाई था और उनको बापू करके बुलाते थे और ... ।
17) छात्र क्रम 22 ने 21 वाक्य का निबंध लिखा किंतु मराठी में लिखा है ।
18) छात्र क्रम 24 -उनका मृत्यु 30 जनवरी को हुआ था । वह महान पुरुष गांधीजी थे जिन्होंने देश
के स्वतंत्रता के लिए लढ़ा दी ।
19) छात्र क्रम 25- राष्ट्रपिता का म्हतलब होता है राष्ट्र का
करता-धरता ओ कैसे तो व ऐसे कि हमारे परिवार में पिता ही
परिवार का पालन पोषण करता है ...इस माध्यम से उनसे लड़ और
सफल भी हुवे ।
20) छात्र क्रम 25- उन्होंने अहिंसा और हिंसा के मार्फत से लोगों
को जागृत किया है ।
21) छात्र क्रम 27 – वाक्य की शुरुआत ‘तो’ से
की है । जैसे- तो
उनके मन में विचार था कि मैं बचपन मैं अपने देश के लिए कुछ करूं तो उनको बचपन से
झूठ बोलने की बहुत आदत थी । तो उन्होंने इंग्लैंड में
वकील डिग्री ली ।
22) छात्र क्रम 29 - उनकी मां ने उनका डांटा नहीं उन्होंने अपने जीवन सभी अहिंसा
की राहों पर चलना सिखाया ।
23) छात्र क्रम 31- गांधी ने अंग्रेजो के शिलाफ सत्याग्रह और
आंदोलन लाढे देश को आजादी मिली ।
24) उन्होंने अपनी जान की
परवाह न करते हुए भारत देश की स्वतंत्र कर दिया महात्मा गांधी इतिहास के शिक्षण
में मनपसंद थे महात्मा गांधी के माता और पिता का नाम पुतलीबाई यानी करमचंद गांधी
था ।
25) छात्र क्रम 36- उन्हों को वजह से भारत देश में रहने वाले लोग
स्वतंत्रता से जी सकते है । महात्मा गांधी यह थोर नेता
बने गए थे ।
26)छात्र क्रम 37- उनेके पिता जी का नाम मोहनदास करमचंद गांधी
था उन्होंने नमक का सत्याग्रह करे थे । उन्होंने वजह से भारत देश
में रहने वाले लोग स्वतंत्रता से जी सकते भारत स्वतंत्र होने का पूरा श्रेय उन्हो
को जाता है ।
27) छात्र क्रम 39-महात्मा गांधी यांनी चले जावो आंदोलन किया था ।
28) छात्र क्रम 40- उन्होने नमक का सत्याग्रह किया है । उन्होंने
हमारे देश के लिए अंग्रजे से लाढे ।
3.1 व्याकरणिक त्रुटियाँ:
कुल 75% छात्रों ने व्याकरणिक त्रुटियाँ की हैं । व्याकरणिक त्रुटियों को दो वर्गों में बांटा गया है जिसमें व्याकरणिक कोटियों के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ और शब्द भेदों के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ हैं । कुल 75% त्रुटियों में 40% व्याकरणिक कोटियों के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ पाई गई और 35% त्रुटियाँ शब्द भेदों के प्रयोग संबंधी पाई गई है ।
कुल 75% छात्रों ने व्याकरणिक त्रुटियाँ की हैं । व्याकरणिक त्रुटियों को दो वर्गों में बांटा गया है जिसमें व्याकरणिक कोटियों के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ और शब्द भेदों के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ हैं । कुल 75% त्रुटियों में 40% व्याकरणिक कोटियों के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ पाई गई और 35% त्रुटियाँ शब्द भेदों के प्रयोग संबंधी पाई गई है ।
3.1.1. व्याकरणिक कोटियों के प्रयोग संबंधी
त्रुटियाँ : इन त्रुटियों में लिंग निर्धारण संबंधी 8% प्रतिशत
त्रुटियाँ पाई गई । काल निर्धारण संबंधी त्रुटियों में भूतकाल के स्थान पर भविष्य
काल के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ अधिक पाई गई । जिसमें 27.5% छात्रों ने भूतकाल के स्थानपर भविष्य काल का प्रयोग किया है । वचन निर्धारण
संबंधी त्रुटियों की संख्या कम है । इसमे 5% छात्रो ने 'आंदोलन' शब्द के बहुवचन में 'आंदोलने' लिखा
है ।
3.1.2 शब्द भेदों के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ :
शब्द भेदों के प्रयोग संबंधी त्रुटियों में सर्वनाम के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ
पाई गई। जिसमें 35% छात्रों ने सर्वनाम के प्रयोग संबंधी अलग अलग तरह की त्रुटियाँ की हैं । जिनका विवरण आगे प्रस्तुत किया गया है ।
उदाहरण : 1) छात्र क्रम चार और छह ने 'वह' सर्वनाम के स्थान पर 'वौह' का प्रयोग किया है
। छात्र क्रम पांच ने हमारे सर्वनाम के स्थान पर 'हमारा' सर्वनाम का प्रयोग कीया है । छात्र क्रम 6 ने ‘उन्होंने’ के स्थान पर 'उसने' का प्रयोग किया है । जैसे ,उसने मिठाचा सत्याग्रह किया और उसका नाम मोहन करमचंद
गांधी उसका नाम था । आदर सूचक सर्वनाम उनका, उनकी, उनको आदी के स्थान पर इन छात्रों ने उसका,उसकी,उसको सर्वनामों का प्रयोग किया है । 2) छात्र क्रम 6,8,10,21 और 36 ने 'वह' सर्वनाम के स्थान पर 'वो' का प्रयोग किया है । 3) छात्र क्रम 36,37 द्वारा 'उनको' के स्थान पर 'उन्होंको' का प्रयोग किया गया है।
आलेख 2 : व्याकरणिक त्रुटियाँ
4.1 मराठी शब्दों का प्रयोग :
57. 5% छात्रों ने मराठी शब्दों का वाक्य में प्रयोग किया है । मराठी के जो शब्द
छात्रों द्वारा प्रयोग किए गए हैं वे इस प्रकार है । जैसे -
छात्र क्रम
|
मराठी शब्द
|
छात्र क्रम
|
मराठी शब्द
|
2
|
गोळीबार, पोलिस , चळवळ, जिल्हे
|
24
|
आत्मसात
|
3
|
अवतरीत
|
25
|
इंग्रज
|
6
|
गांधीजींनी,मिठाचा
,इंग्लंडला , विणणे
|
26
|
नाव ,मार्फत
|
7
|
१९२० साली
|
30
|
कडक स्वभाव
|
8
|
ठिकाण
|
31
|
वकिली
|
9
|
इंग्रजी
|
35
|
थोर
|
10
|
इंग्लंड ,ठिकाण
,वस्ती ,भेदभाव
|
36
|
रोजी,थोर
|
13
|
मिठ
|
38
|
स्वातंत्र्य
|
14
|
आहुती
|
39
|
यांनी,चळवळ
,मिठ
|
15
|
परीक्षा
इंग्लंड परीस येथे दिली
|
40
|
स्वातंत्र्य
|
16
|
चळवळ,खूप,भारतात,यांनी ,गोळी
|
|
|
17
|
मिठ ,चळवळ
,पदवी
|
|
|
23
|
चळवळ ,ठार
,पोलिस
|
|
|
उपर्युक्त सभी त्रुटियों को नीचे दिए गए आलेख की मदद
से दर्शाया गया है । (देखे आलेख 1.1.)
आलेख 3.कक्षा दसवीं के छात्रों द्वारा हिंदी लेखन में घटित त्रुटियाँ
51. त्रुटियों का वर्गीकरण :
प्रस्तुत शोध कार्य में एस .पि.कॉर्डर द्वारा प्रतिपादित त्रुटिविश्लेषण प्रारूप को आधार बनाया गया है। एस.पी.
कार्डर त्रुटियों को दो रूपों में विवेचित करते हैं जैसे- क) व्यवस्थित और (ख) अव्यवस्थित। व्यवस्थित त्रुटियों को वे दक्षता से और अव्यवस्थित त्रुटियों
को निष्पादन से संबद्ध करते हैं । आगे चलकर (1973-74) वे दक्षता की त्रुटियों को एक वर्ग में- त्रुटि और निष्पादन
की त्रुटियों को दो वर्गो में - चूक और भूल में वर्गीकृत
करते हैं।
(1) चूकें
– ये व्यवहार संदर्भित अर्थात् निष्पादन
की त्रुटियाँ हैं। अध्येता सही जानता है और सही का प्रयोग करना चाहता है, किंतु मानसिक चंचलता,
मनोयांत्रिक असफलता, आलस्य अथवा थकान
के कारण गलती कर बैठता है दुबारा देखने पर वह स्वत: इन चूकों को सुधार सकता हैं। प्रस्तुत शोध कार्य में
चूकों की संख्या 10
% है ,
लेखन के दौरान चूकों की संख्या पठन और भाषण से कम होती
हैं।
(2) भूलें- भूले अज्ञान संदर्भित त्रुटियाँ होती हैं। चुनाव या चयन की अनुप्रयुक्तता को
भूलों के अंतर्गत विवेचित किया जाता है। भूलें तब होती है जब व्यक्ति अनुप्रयुक्त
बोली-शैली या भाषा स्तर से किसी घटक को चुनकर, मानक भाषा में
चलाने का प्रयास करता है ।
उदाहरण :हिंदी शब्दों के स्थान
पर मातृभाषा के शब्दों का चयन ।
उदाहरण :
गांधीजी समय पक्के और पबंदी थे ।
उपर्युक्त वाक्य में छात्र क्रम 2 ने ‘के’
परसर्ग के लोप संबंधी भूल की है ।
उदाहरण:ऐसे लोग किसी विशेष उद्येश्य धरती पर अवतरित होते ।
इस वाक्य में छात्र क्रम 3 ने ‘से’ परसर्ग के लोप संबंधी
भूल की है ।
(3) त्रुटियाँ – इन्हें अंतरभाषा संबंधित त्रुटियाँ भी कह सकते हैं ये व्यवस्थित होती है और
अध्येता की अधिगम प्रक्रिया के अंतर्गत संक्रमणकालीन दक्षता को प्रकट करती है ।
अध्येता जो कुछ बोलता है,
उसके अंतर्गत या तो गलत नियमों का प्रयोग करता है, या सही नियमों का गलत प्रयोग कर बैठता है।उदाहरण :1. छात्र क्रम 3- ऐसे लोग कहि विशेष उद्देश धरती और अवतरित
रहते है।2. छात्र क्रम 15 ने 14 वाक्य का निबंध लिखा किंतु सभी वाक्यों में त्रुटियाँ है ।3. छात्र क्रम 25- उन्होंने अहिंसा और हिंसा के मार्फत से लोगों को जागृत किया
है। इस प्रकार भाषा अधिगम प्रक्रिया में घटित त्रुटियों को तीन
वर्गों में विभाजित किया जाता है जैसे- भूल,
चुक और त्रुटि ।
प्रस्तुत शोध कार्य में व्याकरणिक त्रुटियाँ 75 % पायी गई हैं । जिनमे लिंग निर्धारण संबंधी त्रुटियाँ 10% है।छात्र क्रम 6
,24 आदि ने स्त्रीलिंग शब्द के स्थान पर पुल्लिंग शब्द का
प्रयोग किया है।25%
छात्रों की काल निर्धारण संबंधी त्रुटियाँ पायी गई (छात्र क्रम 2,3,20,22,27,32,26,28,38,40
आदि ) जिसमे छात्रों ने भुत
काल के स्थान पर वर्तमान काल का प्रयोग किया है।कुल 5%(छात्र क्रम 7,31)
छात्रों द्वारा वचन
निर्धारण संबंधी त्रुटियाँ हुई हैं।35% छात्रों की
सर्वनाम के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ प्राप्त हुई हैं (छात्र क्रम 4,5,6,10,21,36,40,
आदि )
चूक
|
भूल
|
त्रुटियाँ
|
||||||
चयन
|
समावेश
|
लोप
|
वर्तनीगत
|
व्याकरणिक
|
उद्देश्यों की पूर्ति
|
|||
हिंदी शब्दों के स्थान पर मराठी शब्दों का चयन
|
|
|
|
व्याकरणिक कोटियों के प्रयोग संबंधी
|
वाक्य संरचना संबंधी
|
विचारों की अभिव्यक्ति का अभाव
|
विषय प्रतिपादन का अभाव
|
|
10%
|
57%
|
10%
|
10%
|
100%
|
75%
|
वाक्य गठन का
अभाव
80%
|
25%
|
-
|
6.1
त्रुटियों के कारण : प्रस्तुत शोध कार्य में जो त्रुटियाँ पायी गई उनके कारणों की चर्चा करने हेतु
उन त्रुटियों को तीन वर्गों में बाँटा गया है । 1) अंतरभाषा के कारण घटित त्रुटियाँ । 2) मातृभाषा व्याघात के कारण घटित त्रुटियाँ । 3) विराम चिह्नों के प्रयोग संबंधी नियमों की अज्ञानता के कारण घटित त्रुटियाँ ।
1) अंतरभाषा के कारण घटित त्रुटियाँ :प्रस्तुत शोध
कार्य में प्राप्त अधिकतर त्रुटियों का संबंध अंतरभाषा से है। अंतरभाषा अर्थात
शिक्षार्थी की अपनी भाषा । डॉ. रविंद्रनाथ श्रीवास्तव के अनुसार लक्ष्य भाषा के
प्रयोग में आने वाली त्रुटियों का सीधा संबंध अंतर भाषा के
नियमों के साथ होता है। लक्ष्य भाषा की
संरचना भले ही
समान हो पर
कभी कभी छात्र की अंतरभाषा द्वितीय भाषा अधिगम की प्रक्रिया में त्रुटियों का कारण बनती है । प्रस्तुत शोध
कार्य में भी कई त्रुटियाँ ऐसी पायी गई है जो अंतरभाषा के कारण घटित हुई है । अंतरभाषा से संबंधित त्रुटियों के जो संभावित स्त्रोत है उनपर आगे चर्चा की गई
है ।
1. वाक्य रचना संबंधी प्रकार्यात्मक ज्ञान का
अभाव:
वाक्य रचना
संबंधी प्रकार्यात्मक ज्ञान के अभाव के कारण वाक्यात्मक स्तर पर कई त्रुटियाँ होती
है।व्याकरण के धरातल पर वाक्य भले ही शुद्ध हो किंतु अर्थ स्तर पर अशुद्ध होता है । जैसे ; छात्र क्रम 25- उन्होंने अहिंसा और हिंसा के मार्फत से लोगों
को जागृत किया है । इस वाक्य में मराठी शब्द ‘मार्फ़त’ के साथ हिंदी परसर्ग ‘से’ का
प्रयोग किया गया है। छात्र क्रम 29 - उनकी मां ने उनका डांटा नहीं उन्होंने अपने
जीवन सभी अहिंसा की राहों पर चलना सिखाया । छात्र क्रम 31-गांधी ने अंग्रेजो के शिलाफ सत्याग्रह और
आंदोलन लाढे देश को आजादी मिली ।
2) द्वितीय भाषा के सामजिक
सन्दर्भ संबंधी अज्ञान : अंतरभाषा से संबंधित कई
त्रुटियाँ ऐसी मिली जो द्वितीय भाषा के सामजिक सन्दर्भ संबंधी अज्ञान के कारण घटित
हुई है।हिंदी में आदरार्थक वाक्य बहुवचन में प्रयुक्त होते हैं| अतः आदरार्थक वाक्य में बहुवचन का प्रयोग न
करने से रूपात्मक त्रुटियाँ होती है । उदाहरण : छात्र
क्रम 24 -उनका मृत्यु 30 जनवरी को हुआ था । छात्र क्रम 6- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हमारे देश के लिए
आजादी लिए है । और उसने मिठाचा सत्याग्रह किया है और उसका नाम मोहन काम चंद्र
गांधी उसका नाम था ।उसका पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था ।... अभी उसे बापू कहते है । और कुछ काम करने
इंग्लंडला गए थे ।और हर स्कूल उसकी जयंती मनाई जाती है सब स्कूल मनाई जाती है ।
3) व्याकरणिक नियमों की अज्ञानता : कुल 12 छात्रों ने भूतकाल के स्थान पर भविष्यकाल का प्रयोग किया है । उदा.छात्र क्रम 2-उनके माँ का नाम पुतलीबाई है । उदा.छात्र क्रम3- वो बोहोत आज्ञाकारी अहिंसावादी है । उदा.छात्र क्रम 26-गांधीजी का व्यक्तिमत्व बहुत सीधा है ।
4)अतिसामान्यीकरण :
भाषा अधिगम की प्रक्रिया में शिक्षार्थी भाषिक तथ्यों के
आधार पर नियमों का सामान्यीकरण करता है।जब यह प्रवृत्ति अधिक मात्रा में भाषा
अधिगम की प्रक्रिया में प्रदर्शित होती है तब स्वाभाविक रूप से भाषा प्रयोग में
त्रुटियाँ देखने को मिलाती है |जैसे छात्र क्रम 31-उन्होंने बहुत से आंदोलने किए। इस
वाक्य में ‘आंदोलन’
शब्द का बहुवचन
बनाते समय छात्र ने ‘ऐं’
बहुवचन प्रत्यय का अतिसामान्यीकरण किया है ।
2) मातृभाषा व्याघात के कारण घटित त्रुटियाँ:
कई त्रुटियाँ ऐसी है जिनका मुख्य कारण मातृभाषा का व्याघात है |जैसे लेखन के दौरान हिंदी शब्दों के स्थान पर मराठी के शब्दों का प्रयोग करना ,हिंदी वाक्य रचना में मराठी का प्रभाव |आदि
उदा.छात्र क्रम 6-
उसने मिठाचा सत्याग्रह किया । उदा. छात्र क्रम 13-उन्होंने मिठ का सत्याग्रह किया।
छात्र क्रम 7-
गांधीजी का जन्म ठिकाण राजकोट पोरबंदर यह हुआ था । आदि
3) विराम चिह्नों के प्रयोग संबंधी नियमों की अज्ञानता के कारण घटित त्रुटियाँ :
द्वितीय भाषा अधिगम की प्रक्रिया में कई बार छात्र व्याकरणिक नियमों से तथा
विराम चिह्नों के प्रयोग संबंधी नियमों से परिचित नहीं होते इस कारण द्वितीय भाषा
के लेखन में व्याकरणिक त्रुटियाँ और विराम चिह्नों के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ
होती हैं । उदाहरण :
1)विराम चिह्नों के गलत प्रयोग से संबंधित त्रुटियाँ (छात्र क्रम :
5,6, 13,14,17,21)
इसप्रकार मराठी माध्यमिक
स्कूलों के दसवीं कक्षा के छात्रों द्वारा
हिंदी भाषा अधिगम में जो त्रुटियाँ होती है उनके मुख्यतः चार प्रमुख कारण
होते हैं जैसे ; नियमों की अज्ञानता ,मातृभाषा का व्याघात, अतिसामान्यीकरण,अंतरभाषा से संबंधित त्रुटियाँ ।
निष्कर्ष
: उपर्युक्त विवेचन के आधार
पर यह कह सकते है कि मराठी माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों द्वारा हिंदी
लेखन में विराम चिह्नों के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ ,वाक्य रचना संबंधी त्रुटियाँ ,व्याकरणिक त्रुटियाँ, हिंदी शब्दों के स्थान पर मराठी के शब्दों का
प्रयोग आदि त्रुटियाँ होती है । इन त्रुटियों के तीन प्रमुख कारण हैं 1) अंतरभाषा के कारण घटित त्रुटियाँ 2) मातृभाषा व्याघात
के कारण घटित त्रुटियाँ 3)
विराम चिह्नों के प्रयोग संबंधी नियमों की अज्ञानता के कारण
घटित त्रुटियाँ।
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aapakaa kaam achchhaa hai
ReplyDeletepar nay chhaatr ke liey samajhana kuchh kathin hai.