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आभ्यंतर (Aabhyantar)     
SCONLI-12 
विशेषांक         ISSN : 2348-7771
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31. हिंदी में प्रत्यय प्रयोग
स्वर्णलता
सिन्हा  : पी-एच.डी. भाषाविज्ञान एवं भाषा
प्रौद्योगिकी,
म.गाँ.अं.हिं.वि. वर्धा
विशेष
कुमार श्रीवास्तव : पी-एच.डी. (अनुवाद अध्ययन), म.गाँ.अं. हिं. वि.
वर्धा
इस शोध-पत्र का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा
में हिंदी भाषा में शब्द निर्माण प्रक्रिया के अंतर्गत प्रत्यय योजकता (जुड़ना/योग)
को बतलाना है। हिंदी शब्द निर्माण में शब्दों के साथ जुड़ने वाले कुछ प्रत्यय सीमित
होते हैं, जो निर्धारित परिस्थितियों में ही आते हैं।
यही स्थिति दूसरे तथा तीसरे स्थान के प्रत्ययों के साथ भी पाई जाती है। इस शोध-पत्र
में केवल प्रथम स्थान प्रत्यय का वर्णन किया गया है। 
     
हिंदी में नए शब्दों की निर्माण प्रक्रिया में विभिन्न प्रकार के शब्दों के
साथ प्रत्ययों का योजन (योग) एक महत्वपूर्ण अंग होता है, किन्तु प्रत्येक शब्द के साथ किसी भी प्रत्यय को मिलकर नया शब्द गठित
नहीं किया जा सकता है।
उदाहरण
– घर+/-आना/=घराना 
         मकान+/-आना/=मकाना* 
उपर्युक्त उदाहरण में (-आना)प्रत्यय का
प्रयोग मूल शब्द के सह करने पर जहाँ ‘घर’ शब्द से ‘घराना’ बनाता है।
वहीं ‘मकान’ शब्द से ‘मकाना’ नहीं बनेगा। 
परिचय –
प्रत्यय वह शब्दांश (शब्द का अंश) है जिसका प्रयोग स्वतंत्र रूप में नहीं होता
बल्कि किसी अन्य शब्द के अंत में जोड़कर नए शब्द की रचना की जाती है।  
उदाहरण
– पवित्र+/-ता/= पवित्रता
मानव+/-ता/=मानवता
स्वतंत्र
+/ -ता/= स्वतंत्रता
सुंदर+/-ता/=
सुंदरता
प्रत्यय
दो प्रकार के होते है- 1)कृत प्रत्यय 2)तद्दित प्रत्यय 
1)        
कृत प्रत्यय
–वह प्रत्यय जो धातु या क्रिया के अंत में जुड़कर नए शब्द की रचना करते हैं, कृत प्रत्यय कहलाते हैं। 
धातु
और कृत प्रत्यय के योग से बने शब्दों को कृदंत कहते हैं। 
कृदंत
= कृत+अंत 
उदाहरण
– लिख+आवट=लिखावट 
 पढ़+आई=पढ़ाई 
2)        
तद्धित प्रत्यय  -  वह प्रत्यय, जो
संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के अंत में जुड़कर नए शब्दों का
निर्माण करते हैं, तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं। 
उदाहरण-
1. चतुर+आई=चतुराई                   2. कठिन
+आई= कठिनाई 
प्रथम
अंतिम प्रत्यय के उदाहरण 
1.       /-अक/
दस्त + /-अक/ = दस्तक
ढोल + /-अक/ = ढोलक 
2.       /-अम/
ख़ान + /-अम/ = ख़ानम 
बेग + /-अम/ = बेगम 
3.       /-अंगा/
बात + /-अंगा/ = बतंगा 
आड़ + /-अंगा/ = अड़ंगा 
4.       /-आइन/
पंडित + /-आइन/ = पंडिताइन 
मिश्र + /-आइन/ = मिश्राइन 
ठाकुर + /-आइन/ = ठकुराइन 
5.       /-आई/
पंडित + /-आई/ = पंडिताई 
काम + /-आई/ = कमाई 
लोग + /-आई/ = लुगाई 
पाहून + /-आई/ = पहुनाई 
6.       /-आक/
पोश + /-आक/ = पोशाक 
7.       /-आत/
जवाहर + /-आत/ = जवाहरात 
कागज + /-आत/ = कागजात 
ख्याल + /-आत/ = ख्यालात 
8.       /-आना/
दोस्त + /-आना/ = दोस्ताना 
घर + /-आना/ = घराना 
जुर्म + /-आना/ = जुर्माना 
राजपूत + /-आना/ = राजपूताना 
दस्त + /-आना/ = दस्ताना 
नज़र + /-आना/ = नज़राना 
मेहनत + /-आना/ = मेहनताना 
9.       /-आनी/
नौकर + /-आनी/ = नौकरानी 
सेठ + /-आनी/ = सेठानी 
चौधरी + /-आनी/ = चौधरानी 
जेठ + /-आनी/ = जिठानी 
10.   /-आम/
धड़ + /-आम/ = धड़ाम 
11.   /-आयत/
ठाकुर + /-आयत/ = ठकुरायत 
पंच + /-आयत/ = पंचायत 
12.   /-आल/
ससुर + /-आल/ = ससुराल 
नानी + /-आल/ = ननिहाल 
घड़ी + /-आल/ = घड़ियाल 
13.   /-आवट/
आम + /-आवट/ = अमावट 
माह + /-आवट/ = महावट 
लेख + /-आवट/ = लिखावट 
14.   /-आवेज़/
दस्त + /-आवेज़/ = दस्तावेज़ 
15.   /-आस/
भड़ + /-आस/ = भड़ास 
16.   /-आसा/
मुँह + /-आसा/ = मुँहासा 
मूँड़ + /-आसा/ = मूँड़ासा
17.   /-इयत/
इंसान + /-इयत/ = इंसानियत
18.   /-इया/
बुड्ढा + /-इया/ = बुढ़िया 
बछड़ा + /-इया/ = बछिया 
डाक + /-इया/ = डाकिया 
खाट + /-इया/ = खटिया 
डिब्बा + /-इया/ = डिबिया 
पुल + /-इया/ = पुलिया 
अंग + /-इया/ = अंगिया 
बेटी + /-इया/ = बिटिया 
19.   /-इश/
रंज + /-इश/ = रंजिश
ताप + /-इश/ = तपिश 
परवर + /-इश/ = परवरिश 
पैमाना + /-इश/ = पैमाइश
20.   /-ई/
जीवन + /-ई/ = जीवनी 
दोस्त + /-ई/ = दोस्ती 
अँगूठा + /-ई/ = अँगूठी
बैठक + /-ई/ = बैठकी 
पत्थर + /-ई/ = पथरी 
राजगीर + /-ई/ = राजगीरी 
ताड़ + /-ई/ = ताड़ी 
बरात + /-ई/ = बराती
21.   /-उल/
माता + /-उल/ = मातुल 
बाबू + /-उल/ = बाबुल 
22.   /-ऊ/
बच्चा + /-ऊ/ = बच्चू 
लल्ला + /-ऊ/ = लल्लू 
शेर + /-ऊ/ = शेरू
बाप + /-ऊ/ = बापू
23.   /-एर/
मूँड़ + /-एर/ = मुँडेर
24.   /-एरा/
ठठ + /-एरा/ = ठठेरा 
साँप + /-एरा/ = सँपेरा
25.   /-एल/
नाक + /-एल/ = नकेल 
फूल + /-एल/ = फूलेल 
26.   /-एली/
साथ + /-एली/ = सहेली 
हाथ + /-एली/ = हथेली 
27.   /-ऐल/
खपरा + /-ऐल/ = खपरेल 
पट्टा + /-ऐल/ = पटेल 
28.   /-ओई/
बहन + /-ओई/ = बहनोई 
ननद + /-ओई/ = ननदोई 
29.   /-ओला/
खाट + /-ओला/ = खटोला 
साँप + /-ओला/ = सँपोला 
30.   /-ओही/
बाट +/-ओही/ = बटोही
31.   /-ओटा/
पत्थर + /-ओटा/ = पथरौटा 
काजर + /-ओटा/ = कजरौटा 
32.   /-औड़ा/
हाथ + /-औड़ा/ = हथौड़ा
33.   /-औता/
काठ + /-औता/ = कठौता 
समझ + /-औता/ = समझौता 
34.   /-औती/
बाप + /-औती/ = बपौती 
कट+/-औती/=katauti
35.   /-गार/
याद + /-गार/ = यादगार 
गुनाह + /-गार/ = गुनाहगार
36.   /-गीर/
राह + /-गीर/ = राहगीर 
दस्त + /-गीर/ = दस्तगीर 
दावा + /-गीर/ = दावागीर 
37.   /-गीरी/
कुली + /-गीरी/ = कुलीगीरी 
नेता + /-गीरी/ = नेतागीरी 
38.   /-चारा/
भाई + /-चारा/ = भाईचारा 
39.   /-जा/
भाई + /-जा/ = भतीजा 
बहन + /-जा/ = भानजा 
40.   /-ड़ा/
दुख + /-ड़ा/ = दुखड़ा 
टूँक + /-ड़ा/ = टुकड़ा 
मुख+/-ड़ा/=मुखड़ा 
नोट- उपर्युक्त 40 प्रत्यय को लिया गया है जिसमें अधिकतम
प्रत्यय को जुड़ने पर उसके मूल रूप में कोई परिवर्तन नहीं हो रहा है , जबकि कुछ ऐसे भी प्रत्यय है जिसके योग से मूल रूप में परिवर्तन हो जाता
है – उदाहरण के लिए  18* को देंखे सकते हैं
कि ‘इया’ प्रत्यय जुड़ने पर ‘बुढ़ा’ का मूल रूप ‘बुढ़िया’ में ‘ड्’ ध्वनि-परिवर्तन हुआ
है।  
संदर्भ ग्रंथ सूची 
·        
उत्प्रेती ,मुरारीलाल,हिंदी में प्रत्यय एवं पाश्चाश्रयी-विचार
–दिल्ली :आलेख प्रकाशन 
·        
गुरु; कामता प्रसाद, हिंदी व्याकरण ,दिल्ली: प्रकाशन संस्थान 
·        
वाजपेयी, किशोरीदास . हिंदी शब्दानुशासन . काशी :नागरी प्रचारणी सभा. 
·        
Bloch &Trager. Outline of Liguistics Analysis. 
·        
Hockett. A Course in Modern Linguistics. New York:
Maemillan Company.   
 
 
 
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